Luv Ki Arrange Marriage Review
आज बात करेंगे एक फिल्म के बारे में नाम है Luv Ki Arrange Marriage यह फिल्म सीधे ओटीटी पर रिलीज हुई है जी5 पर आप इसको देख सकते हैं डायरेक्टर है इशरत आर खान। इस फिल्म की जो कहानी है एक साधारण ही कहानी कही जाएगी। एक व्यक्ति है प्रेम कुमार उनके बेटे हैं लव कुमार और लव की अब शादी की उम्र हो गई है फिर वह लोग जाते हैं भोपाल एक लड़की को देखने के लिए, लड़की का नाम है ईशिता और ईशिता की मां जो है सुप्रिया वो प्रेम कुमार की पुरानी परिचित है।
और होता यह है कि यह लोग आपस में जब मिलते तो पुरानी यादें ताजा हो जाती है पुराने जखम उभर आते हैं। और इन लोग का जो पुराना दवा कुचला प्यार था वह फिर सिर उठाने लगता है। तो मतलब बेटा गया है अपने लिए लड़की देखने लेकिन लड़की की मां के साथ लड़के के पिता का टाका भिड़ जाता है। और फिर यह लोग शादी वादी करना चाहते हैं और फिर क्या कैसे होता है यही आप इस फिल्म में देखते हैं।
Luv Ki Arrange Marriage को रोमांटिक कॉमेडी फिल्म के नाम पे मजाक
Luv Ki Arrange Marriage फिल्म को कहा गया कि यह एक रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है लेकिन यहां ना आपको रोमांस दिखता है, ना कॉमेडी दिखती है,ना ही स्टोरी ऐसी कोई दिखती है ना ही कोई ऐसा डायरेक्शन आपको दिखता है। राइटिंग भी बिल्कुल ही साधारण या घटिया किस्म की ही कही जा सकती है। अब देखिए इस फिल्म का जब मैं विश्लेषण करूंगा तो आपको बस कुछ चीजें बता दूंगा कि हां इसमें यह है यह है और आप खुद ही अंदाजा कर सकते हैं।
अब देखिए यहां जो राइटिंग और डायरेक्शन का देख लीजिए कि मतलब एक घर है वहां एक चोर घुस जाता है और व चोर जो है व कंफ्यूजन में रहता है मतलब लड़की वाले समझ रहे हैं कि लड़कों की तरफ से है लड़का वाला समझ रहा है कि लड़की वालों की तरफ से है। और फिर वो चोर उस घर में ही घर बसा लेता है।
मतलब फिल्म के अंत तक वो वहां रहता है कोई उससे पूछता नहीं कि भैया तुम कौन हो तुम्हारा नाम क्या है कहां से आए हो या फिर आप यहां कॉमेडी का लेवल देख लीजिए कि एक बार सब लोग खाना खाने के लिए बैठे हैं। लड़का लड़की को देख रहा है वो उसके ख्यालों में खोया है और दादाजी के सिर पर वो दाल डाल देता है। एक बार डालता है दो बार डालता है तीन बार डालता है और खींच करके दादाजी क्या करते हैं कि दाल की पूरी कटोरी उठा के अपने सिर पर डाल लेते हैं। अब आप इसको कॉमेडी समझे तो आप समझ सकते हैं।
मुझे तो बहुत ही वाहियात लगा अब इसको कौन कॉमेडी मानेगा मतलब क्या घिसी पिटी बात आप दिखा रहे हैं और देखिए एक और दृश्य में आपको बताता हूं कि एक व्यक्ति है। उनकी शादी हुई है और जो प्रेम कुमार है उनकी बहन का नाम है प्रेमा और यह दोनों ही भूमिका अनू कपूर ने निभाई है। मतलब कि महिला भी वो बने हैं तो जब प्रेमा की शादी होती है तो अनू कपूर घूंघट वगैरह लेकर के और बैठ जाते हैं। सुहागरात में और जो आते हैं दूल्हे राजा जब वोह देखते हैं कि यहां पत्नी की जगह साला बैठा है तो फिर वो परेशान हो जाते हैं। और इसको एक मजाक बताया गया है।
फिल्म में अब बताइए भाई कौन ऐसा मजाक करता है कि बहन को हटा कर के भाई जो है दुपट्टा और चुनरी लेकर बैठ जाए और भाई का घूंघट उठाएगा दूल्हा मतलब आप समझ सकते हैं कि इस फिल्म को किस वाहियात दर्जे पर लिखा और बनाया गया है अब देखिए कि यहां बहुत सारी चीजें आपको ऐसी दिखेगी जिसकी को मतलब समझ में नहीं आता कि आखिर है क्या।
Madness! Looking forward. #LuvKiArrangeMarriage https://t.co/4pa2AMHHaP via @YouTube
— SKM | Delightful Odisha (@skmishra86) June 1, 2024
Luv Ki Arrange Marriage आखिर क्यों बनाई गई?
Luv Ki Arrange Marriage में अब आप कैरेक्टर्स का देख लीजिए अब ये जो प्रेम कुमार है ये एकदम ही छिछोरे किस्म के व्यक्ति हैं मतलब मोहल्ले की महिलाओं के साथ उठना बैठना हंसी ठिठोली करना और उनको अपना दोस्त बताना उनका काम है और मतलब वो मोहल्ला भी ऐसा है कि हर महिला जो है प्रेम कुमार के पीछे परेशान है पागल है तो आप यहां ना स्टोरी पाते हैं ना कॉमेडी पाते हैं ना रोमांस पाते हैं और ना ही कोई ऐसा कैरेक्टर है तो यह फिल्म दोस्तों एकदम ही वाहियात फिल्म है।
पता नहीं क्यों बना दी गई और यहां एक दो बार आपको यह लगता जरूर है कि हां कुछ जो पंचेज है वह थोड़े ठीक है लेकिन य दो घंटे की फिल्म उसके लिए तो नहीं झेली जा सकती और यहां बहुत चीजों को वेस्ट किया गया है। सबसे पहले तो यहां एक से बढ़कर एक कलाकार है, लेकिन यह सारे ही इस फिल्म में वेस्टेड है।
अब यहां आप देख लीजिए कि अन्नू कपूर है मतलब वो भी डबल रोल में है और यह भी मुझे समझ में नहीं आया कि एक लड़का और लड़की का रोल उन्होंने क्यों किया।लड़की का रोल तो कोई और भी कर सकता था लेकिन चलिए ठीक है इसके बाद आप यहां देख रहे हैं।
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Luv Ki Arrange Marriage अच्छी कास्ट होने के बावजूद फिल्म है बेजान
Luv Ki Arrange Marriage में सुप्रिया पाठक को आप यहां देख रहे हैं राजपाल यादव को आप यहां देख रहे हैं सुधीर पांडे को और यह सब जो है वो एक बहुत ही टैलेंटेड कलाकार है मंजे हुए कलाकार है किसी तरह की भूमिका निभाने में सक्षम लेकिन यहां कर क्या रहे हैं। यहां सारी वाहियात चीजें कर रहे हैं इसके अलावा दोस्तों अवनीत कौर है सनी सिंह है और इन लोगों ने भी कोई ऐसा अपनी एक्टिंग से इंप्रेस आपको किया नहीं है। और यहां जो लोकेशन है इस फिल्म की जो शूटिंग है वो ओरछा में हुई है।
तो कहीं कहीं बैक ड्रॉप में आपको ओरछा का मंदिर दिखता है तो आप कहिए कि वो भी वेस्टेड ही है तो कुल मिलाकर के दोस्तों यह फिल्म एक सिर दर्द है एक बीमारी पालने जैसा है कि आप अगर इसको देखें दो घंटे तो आप अपना सिर ही फोड़ सकते हैं और क्या कर सकते हैं और देखिए कि मतलब जब किसी को मृत्युदंड दिया जाता है ना तो यह होता है कि भाई ऐसे दिया जाए कि जान आसानी से निकल जाए तड़पाना नहीं चाहिए।
लेकिन Luv Ki Arrange Marriage फिल्म क्या है कि तड़पा तड़पा के आपको जान लेती है मतलब एक ही बार में गोली नहीं मारती है तो मुझे तो लगता है दोस्तों इस फिल्म को देखने में आपको अपना टाइम वेस्ट नहीं करना चाहिए दो घंटे भी क्यों वेस्ट करने जीवन के और इस फिल्म के लिए जो मेरी रेटिंग है वो है पांच में से केवल एक की वो भी इसलिए क्योंकि बीच में एक दो पंचेज मुझे थोड़े ठीक लगे थे बस इसीलिए सोंग्स जो है वो एक दो बार सुनने लायक है तो इसीलिए मुझे लगता है कि एक रेटिंग बहुत ज्यादा है इस फिल्म के लिए बहुत पर्याप्त है।