Srikanth movie review 2024
Srikanth एक ऐसी मूवी है जिसको कि ना देखना एक बड़ी गलती हो सकती है। लाइफ में हम लोग अक्सर स्ट्रगल की बातें करते हैं, हार्डवर्क की बातें करते हैं, लेकिन असल मायनों में जिस इंसान को शायद दो रोटी कमाने के लिए सबसे ज्यादा स्ट्रगल करनी पड़ रही है स्ट्रगल तो वही कर रहा है।
कई बार हम लोग हम अपनी ही स्ट्रगल को जो कि हम एक अच्छे खासे तरीके से कर रहे होते हैं हम उसी को काफी बार हार्ड वर्क का नाम दे देते हैं। और बहुत सारी चीजें दे देते हैं बट असलियत में जो लोग बहुत बेसिक चीजों से भी दूर हैं उनकी स्ट्रगल को फिर हम लोग क्या कहेंगे?
दरअसल हमारे देश में ऐसे कई लोग हैं जो तमाम मुश्किलों को झेलने के बाद भी अपनी खुद की किस्मत अपने हाथों से लिख रहे हैं समाज में लोगों को उनके लुक्स और क्षमताओं के आधार पर बांटा गया है किसी के शरीर का कोई ऑर्गन खराब है कुछ पार्ट खराब है तो उसे सीधे मदद का मोहताज मान लिया जाता है बिना ये पूछे कि क्या उसे सही में किसी की जरूरत है?
राजकुमार राव की जो ये फिल्म Srikanth आई है ये ऐसी बहुत सारी बाते बताती है जो कि वाकई में हमको समझना चाहिए जब से श्रीकांत का ट्रेलर आया था तब से ही एक क्यूरियोसिटी थी एक्साइटमेंट तो नहीं कहूंगा बट क्यूरियोसिटी थी। इस कहानी को देखने की, इस कहानी को जानने की कि आखिर यह क्या कहानी है। जिसमें कि एक वाकई में मजबूर इंसान दुनिया जीतने की ताकत रखता है।
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Srikanth movie श्रीकांत बोला की कहानी
श्रीकांत बोला का किरदार राजकुमार राव ने बहुत बेहतरीन ढंग से निभाया है। दर्शकों को उनका अभिनय काफी पसंद आया है। बात करें कहानी की तो एक लड़का जो जन्म से ही अंधा पैदा हुआ था। बेटा पैदा होने की खुशी उसके पिता को इतनी थी कि वो उसे गोद में उठाकर नाचने लगे थे पिता ने बिना उसका चेहरा देखे उसका नाम कृष्णमाचार्य श्रीकांत के नाम पर Srikanth रख दिया था। लेकिन जब भोली सी सूरत पर नजर गई तो समझ आया कि पूरे घर में वो अकेला ही खुशी क्यों मना रहा था।
दरअसल समाज और लोगों के हिसाब से बच्चे में कमी थी उसी भगवान को वापस दे देना ठीक था ऐसा उसको बोला जा रहा था। और अगर ऐसा नहीं किया तो जिंदगी में उसे सिर्फ और सिर्फ ठोकर खाते हुए देखकर रोना पड़ेगा यह उसके पिता को बताया गया था तो पिता ने जन्म के एक दिन बाद ही उसे जिंदा दफनाने की कोशिश करी लेकिन उसकी किस्मत में कुछ और ही लिखा था।
भगवान ने भले ही श्रीकांत को आंखें नहीं दी थी लेकिन जो उसे दिमाग दिया था वह कंप्यूटर से भी तेज था वो अपने स्कूल के नॉर्मल बच्चों से ज्यादा तेज़ था। मैथमेटिक्स उंगलियों पर ही कर लेता था देख नहीं सकता था तो जाहिर सी बात है लोगों ने उसे बुली भी किया। लोगों का ताना उसे हमेशा खला कि अंधा है तो बड़े होकर भीख ही मांगेगा।
लेकिन यही ताना उसके लिए एक बहुत बड़ा मोटिवेशन का जरिया भी बना। हम लोग कहते हैं नेगेटिव मोटिवेशन और इसी ताने ने कि अंधा है तो बड़ा होकर भीख ही मानेगा मांगेगा इसी ताने की लगाई आग उसके अंदर इतनी बड़ी जली कि उसने एजुकेशन सिस्टम को बदला और तो और यूएस तक में पढ़ाई भी करी उसने अपने हाथों से अपनी किस्मत को लिखा। और यही कहानी है श्रीकांत बोला की जिनका किरदार राजकुमार राव ने फिल्म श्रीकांत में निभाया है।
Srikanth movie तुषार हीरानंदानी का कमाल का डायरेक्शन
डायरेक्शन की बात करें तो एक बायोपिक को जज सिर्फ इसी बात से किया जा सकता है कि डायरेक्टर ने ने उसे कितनी ईमानदारी से बनाया है और एक्टर्स ने उसमें कैसा काम किया है यह दोनों ही चीजें फिल्म में अच्छी हैं मतलब कई बार हमने देखा है कि बायोपिक को एंटरटेनिंग मसाला बनाने के चक्कर में हम लोग कई बार उसमें ऐसी चीजें ऐड कर देते हैं जिनको ऐड करने का कोई सेंस नही बनता।
ऐसे में डायरेक्टर तुषार हीरानंदानी ने काफी ईमानदारी के साथ Srikanth की जिंदगी की कहानी को पर्दे पर उतारा है। उनके इमोशंस बचपन से लेकर जवानी तक के उनके स्ट्रगल उनकी खुशी उनके गम कामयाबी के साथ आता घमंड सब कुछ तुषार ने अपनी फिल्म में बकायदा दिखाया है।
राजकुमार राव की जोड़ी को देखना काफी रिफ्रेशिंग भी लगा। मूवी का फर्स्ट हाफ काफी बढ़िया और इमोशनल है वहीं सेकंड हाफ आपको थोड़ा स्लो लग सकता है। फिल्म में कमियां तो है लेकिन आप उनको इग्नोर करके इस कहानी को एक मोटिवेशन एक प्रेरणा एक इंस्पिरेशन के रूप में जरूर देख सकते हैं।
After a long long time, a hindi film trailer that inpires, elevates and entertains. Hope the film lives up to the trailer #srikanth https://t.co/tVAEJdYIXN
— Ramray Bhat (@RamrayB) April 20, 2024