Gaanth Chapter 1 : Jamnaa Paar Web Series Review
आज हम बात करेंगे एक सीरीज के बारे में नाम है Gaanth Chapter 1 जमुना पार जिओ सिनेमा पे आई है, और इसके डायरेक्टर है कनिष्क वर्मा। यह जो सीरीज है इसका नाम है गांठ लेकिन अपनी ही कई गांठों में यह उलझ करके रह जाती है। और यहां आपको कदम दर कदम यह महसूस होगा हर डिपार्टमेंट में हर चीज में आप इसको महसूस कर सकते हैं।
हालांकि यह जो कहानी है यह दिल्ली के बुरारी कांड से बहुत ज्यादा प्रेरित है और जो बेसिक प्लॉट है उसका वो उसी के हिसाब से चलता है। लेकिन इसमें फिर कुछ अलग करने की कोशिश की गई है कुछ नया एंगल डालने की भी कोशिश की गई है तो एकएक करके देखते हैं कि आखिर यह कहानी कैसी है और बाकी चीजें इस सीरीज की कैसी है।
Gaanth Chapter 1 की कहानी
सबसे पहले बात कहानी की गांठ की तो इस Gaanth Chapter 1 सीरीज की जो कहानी है आप एकदम नहीं कह सकते कि यह नई कहानी है क्योंकि इसका जो बेस है वह बुरारी कांड के जैसा है। हालांकि यहां बहुत कुछ बदलने की कोशिश की गई है यहां जैसे यमुना पार का इलाका दिखाया गया या बुरारी कांड में 11 लोगों की मौत हुई थी तो यहां सात लोग दिखाए गए ।जो कि घर में अपने घर में लटकते हुए पाए गए फांसी के फंदे से उनके हाथ पैर बंधे हुए थे और मुंह में भी कपड़ा वगैरह ठसा हुआ था।
लेकिन यहां एक बदलाव लाने की कोशिश की गई कि एक जो बच्चा है वो बच जाता है वह सरवाइव कर जाता है उसको हॉस्पिटल में ले जाया जाता है।
और फिर वह बच्चा भी कुछ अपने हिसाब से इशारे करता है ड्राइंग वगैरह बनाता है। तो यहां एक यह चेंज आपको दिखता है और उसके बाद इस कहानी में यह साबित करने की कोशिश की गई कि यह जो है यह आत्महत्या नहीं भी हो सकती है। और इसके पीछे वजह कुछ और हो सकती है और यह कोई मर्डर का भी एंगल हो सकता है कोई कोई इस तरह का काम हो सकता है तो यह सब चीजें यहां दिखाने की कोशिश तो की गई है लेकिन ऐसा कभी हमको दिख नहीं हालांकि इसके बारे में जब हम एंड की बात करेंगे तब और डिटेल में मैं बोलूंगा।
और जो दूसरी बात है दोस्तों वह है इन्वेस्टिगेशन की अब देखिए यहां इन्वेस्टिगेशन के लिए लाया जाता है गदर सिंह को जो कि एक सस्पेंडेड कॉप है। और इनका जो अपना जीवन है वह दुश्वारियां से भरा हुआ है दुविधा से भरा हुआ है। पत्नी का निधन हो चुका है बेटी की कस्टडी वो चाहते हैं और ज्यादातर शराब के नशे में धुत रहते हैं लेकिन यह बताया जा रहा है कि वो एक बहुत बहुत ही ईमानदार और बहुत ही कर्मठ पुलिस वाले हैं। तो उनको इस केस की जांच में लगाया जाता है वो शुरुआत में जब आते हैं तो कुछ जांच करते भी हैं।
लेकिन उनका अखड़ी किस्म का लगता है कि वो एक पत्रकार को पीट डालते हैं। वो एक पुलिस वाले को थप्पड़ मार देते हैं तो यह बातें कुछ अजीब सी लग रही है लेकिन फिर जब वह जांच को आगे बढ़ाते हैं कुछ संदेह पैदा करने की कोशिश होती है और कुछ चीजें सामने आती है।
एक दो सस्पेक्ट भी आते हैं उन पकड़ने की कोशिश होती है तो यह लग रहा है कि अब यह कहानी कुछ नया मोड़ लेगी। कुछ अलग मोड़ लेगी लेकिन यहां भी ऐसा कुछ है नहीं और देखिए यह किस तरह के ईमानदार और कर्मठ पुलिस वाले हैं कि एक वक्त ऐसा भी आता है जब वह सबूत से छेड़छाड़ ही नहीं करते नए सबूत गढ़ने की भी कोशिश करते हैं और जैसे तैसे केस को क्लोज करने की कोशिश करते हैं तो यह भी एक बड़ी गाठ है।
दूसरी जो से बड़ी गांठ है दोस्तों वह है इसके कैरेक्टर्स को लेकर के यहां जो भी चीजें आपको दिख रही है वो ओवर द टॉप है। अब देखिए कि पुलिस जो पुलिस अधिकारी है उनका एक ट्रबल्ड पास्ट रहा है अब यह कोई ऐसी बात तो नहीं है लेकिन यहां भी वैसे ही रखा गया और मैं यह समझ नहीं पाता हूं कि जो ज्यादातर ईमानदार पुलिस वाले होते हैं वो अपने जीवन में सुखी क्यों नहीं होते हैं।
वो परेशान क्यों रहते हैं बहुत सारी सीरीज में या मूवी आपने देखा होगा तो चलिए यह एक बात हो गई फिर यहां आपको एक डॉक्टर दिखती हैं जो कि खुद ही एक मानसिक बीमारी से ग्रस्त है।
और चलिए यह भी हो सकता है कि कोई भी मानसिक बीमारी तो किसी को भी हो सकती है लेकिन और भी चीजें अजीब अजीब दिख रही है यहां एक बीड़ी वाले बाबा है जो शमशान में उल्टा लटके रहते हैं चमगादड़ के जैसे या फिर एक नर्स की बात होती है यह जो नर्स है यह आप देखेंगे आगे के एपिसोड में कि एयर बबल डाल कर के मरीजों को मार दे रही है। तो मतलब जो भी यहां चीजें आपको दिख रही है वह अजीबो गरीब ही है।
एक देखिए पत्रकार यहां है वो पत्रकार अपने हिसाब से बहुत कोशिशें कर रहा है कुछ इस केस को लेकर के और फिर पता चलता है कि उसके उसको खुद ही मुंह का कैंसर है तो बहुत अजीब और गरीब चीजें एक साथ य इकट्ठा करने की कोशिश की गई है।
और कैरेक्टर जो भी है अब कैरेक्टर्स को कंपलेक्स बनाने के लिए कुछ इस तरह की बातें जो दिखाई गई है वह ठीक लगती नहीं है जो दोस्तों तीसरी गांठ है इस या कहिए कि चौथी गांठ है वह है इसकी एंडिंग को लेकर, अब देखिए कि आपने शुरू में एक नया एंगल लेने की कोशिश तो की कि यह मर्डर भी हो सकता है या कोई और कहानी हो सकती है। बीच में हम देखते हैं कि दो गुटों में झगड़े हो रहे हैं दंगे भी हो जा रहे हैं बहुत चीजें हो रही है लेकिन यह कंक्लूजन कहीं भी नहीं निकलता ये सीरीज खत्म हो जाती है।
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Gaanth Chapter 1 जवाब से ज्यादा सवाल
Gaanth Chapter 1 यहां जवाब से ज्यादा सवाल है कि आखिर हुआ क्या था अरे भाई आप कुछ नया बताना चाहते हैं तो पूरी तरह बताइए तो कि हुआ क्या आपकी थ्योरी क्या है आपका एंगल क्या है और आठ एपिसोड में जो हमने कहानी देखी उसमें निष्कर्ष क्या निकल रहा है। कि यह कैसे हुआ किसने किया और इसके पीछे वजह क्या रही। यह जो सवाल है बड़े-बड़े सवाल इनका कोई जवाब हमको नहीं मिलता एक लिटिल फिंगर पे यह सीरीज खत्म हो जाती है।
और यहां एक ट्विस्ट भी डालने की कोशिश की गई है कि एक जो कैरेक्टर है वो हुडी में है उसका चेहरा रिवील लास्ट में किया जाता है। तो अब उसका क्या कनेक्शन है ये ऐसे सवाल है जो आपके लिए छोड़ दिए गए हैं आप चाहे तो उसको हल करें ना चाहे तो अपना आगे के सीजन को एंजार करें।
Gaanth Chapter 1 में है नये पन का एक्सपीरियंस
Gaanth Chapter 1 जो सीरीज है यह कहीं से भी ऐसा नहीं है कि आपको बहुत ज्यादा आकर्षित करती हो या अपने थ्रिल में यह बांधती हो। बहुत जगहों पर यह सीरीज रिपिटेटिव है बहुत जगहों पर स्लो है। तो यहां मुझे लगता है कि इस सीरीज को देखने में जो आप एक कहिए कि नए पन का एक्सपीरियंस करने वाले थे, हालांकि कहानी का प्लॉट पुराना है। लेकिन अगर कुछ नया एंगिल हो कुछ इन्वेस्टिगेशन हो कुछ एक कंक्लूजन पे आप पहुंचे तो तो बात बनती है।
Gaanth, Chapter 1: Jamnaa Paar, streaming 11 June onwards, exclusively on JioCinema Premium. @92soham @kanishk_v @ronoeye @FahimIrshad13 #ManavVij @itsmonikapanwar @thegopaldatt @rajeshtailang @salonibatra_29 @ActorNehaIyer @iamNavedAslam #ShravanBoranna @andhareajit… pic.twitter.com/0FEzAe8SLV
— Filmy Hype (@Filmy_Hype) June 2, 2024
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Gaanth Chapter 1 स्टारकास्ट
लेकिन यहां ऐसा कुछ होता नहीं है अदाकारी के हिसाब से देखिए मानव विज है उन्होंने अपना काम ठीक किया। मोनिका पवार है वो भी ठीक है सोलोनी है वो भी ठीक है और और यहां आपको गोपाल दत्त दिखते हैं टीवी एंकर की भूमिका में या फिर थोड़ी देर के लिए राजेश तैलंग दिखते हैं।
तो कलाकारों ने तो अपना काम ठीक ही किया है और यहां यह भी दिखाने की कोशिश की गई है कि मीडिया किस तरह से बिहेव करता है तो यह बात भी ऐसी नहीं है जो आप पहली बार देख रहे हैं या समझ रहे हैं तो दोस्तों यह सीरीज जो है आठ एपिसोड की है 40 30 40 मिनट के एपिसोड है हालांकि कुछ जगहों पर एब्यूज लैंग्वेज का इस्तेमाल है लेकिन अदर वाइज ये साफ सुथरी सीरीज है।